संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?

कवि संगतकार के माध्यम से किसी भी कार्य या कला में लगे हर उस सहायक की ओर संकेत कर रहा है जो अपनी प्रसिद्धि की परवाह किये बिना मुख्य कलाकार की लगातार सहायता करता रहता है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार दीवार की नींव की अपनी कोई पहचान नहीं होती परन्तु दीवार मजबूती से खड़ी रहे, इसके लिए वह अपना अस्तित्व दांव पर लगा देती है। हम और आप उस एक खिलाड़ी या अभिनेता के बारे में जानते हैं जो सफलता के शिखर पर होता है। लेकिन हम उन लोगों के बारे में नहीं जानते जो उस खिलाड़ी या अभिनेता की सफलता के लिए नेपथ्य में रहकर अथक परिश्रम करता है। कपिल शर्मा तो आपको याद ही होंगे, लेकिन उन्हें वो शोहरत दिलाने में उनके सहायक कलाकार सुनील ग्रोवर (गुत्थी) का भी बहुत योगदान रहा है। कवि का इशारा इन्ही सहायक लोगों की तरफ है।


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